कृषि उत्पादन तथा उत्पादकता बढ़ाकर उत्तर प्रदेश के किसानों को बनाया जाएगा समृद्ध: सूर्य प्रताप शाही

लखनऊ । जय क़लम , उत्तर प्रदेश के कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही द्वारा आज उत्तर प्रदेश में कृषि उत्पादन तथा उत्पादकता बढ़ाकर किसानों की आय को बढ़ाने के उद्देश्य से जायद और खरीफ फसलों तथा मोटे अनाज के लिए सरकार द्वारा बनाई गई रणनीतियों और तैयारियों को लेकर एक प्रेसवार्ता की।

कृषि निदेशालय के सभागार में आयोजित प्रेसवार्ता में सूर्य प्रताप शाही ने बताया कि कृषकों को उनके फसल उत्पाद का लाभकारी मूल्य प्रदान करने हेतु 1 अप्रैल 2023 से रबी सीजन में एम०एस०पी० पर राई, सरसों, चना एवं मसूर के क्रय केन्द्र स्थापित किये जा रहे हैं।

जिसमें 3.94 लाख मी.टन सरसों/तोरिया, 2.12 लाख मी.टन चना एवं 1.49 लाख मी.टन मसूर क्रय करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। सरकार द्वारा एम०एस०पी० पर राई / सरसों रू० 5450 प्रति कु० चना रू० 5335 एवं मसूर रू० 6000 प्रति कु० की दरें स्वीकृत की गयी हैं। जायद सीजन में ज्वार, बाजरा एवं मक्का के आच्छादन हेतु संकर बीजों पर कुल रू० 15000 प्रति कु० का अनुदान एवं अधिकतम 50 प्रतिशत की धनराशि अनुमन्य की गयी है।

कृषि मंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना 1 दिसम्बर 2018 से प्रारम्भ हुई अभी तक रू० 26 करोड़ से अधिक किसानों के बैंक खाते में रू० 52000 करोड़ से अधिक की धनराशि कृषकों के खातों में हस्तांतरित की जा चुकी हैं।

उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना के समस्त पात्र किसानों के संतृप्तीकरण का महाअभियान 10 मई से 31 मई 2023 तक प्रारम्भ किया जा रहा है। अभियान उक्त तिथि में सोमवार व शुक्रवार के बीच तिथि निर्धारित कर प्रातः 9:00 बजे से शाम 6:00 बजे तक समस्याओं का निराकरण किया जायेगा। लेखपाल भू-लेख का सत्यापन करेंगे तथा तहसील लागिन पर अपलोड करेंगे।

इस महाअभियान में कृषि विभाग के श्रेणी 2 व श्रेणी 1 के अधिकारी भ्रमण कर सुनिश्चित करेंगे कि संतृप्तीकरण की कार्यवाही ठीक से की जा रही है।

प्रेसवार्ता में शाही ने बताया कि खेत तालाब योजना वित्तीय वर्ष 2022-23 में 5104 खेत तालाब पूर्ण किये जा चुके हैं एवं 1458 खेत तालाब निर्माणाधीन हैं। इसके अतिरिक्त माह अप्रैल से जून 2023 तक 5550 खेत तालाब निर्माण के लक्ष्य भी निर्धारित किया गया है तथा लाभार्थियों का चयन हेतु पोर्टल 20 फरवरी 2023 से खुला हुआ है।

उन्होंने बताया कि पी०एम० कुसुम सोलर सिंचाई पम्प योजना के तहत वर्तमान में कुल 15000 सोलर सिंचाई पम्प का लक्ष्य निर्धारित है जिसके सापेक्ष 14238 कृषकों द्वारा कृषक अंश जमा कर दिया गया है तथा 12979 पम्पों की आपूर्ति कर दी गयी है। जिसमें 11885 पम्प स्थापित किये जा चुके हैं एवं 11265 पम्पों का सत्यापन भी पूर्ण हो चुका है। वर्ष 2023-24 में 30000 सोलर सिंचाई पम्प लगाये जायेंगे जिसकी 12250 की बुकिंग पूर्ण हो चुकी है तथा 11337 कृषकों का कृषक अंश भी प्राप्त हो चुका है।

कृषि मंत्री ने कहा कि प्रदेश में कृषि उत्पादकता और उत्पादन बढ़ाकर कृषकों की आय में वृद्धि करने के लिए प्रत्येक विकासखण्ड के चार प्रमुख फसलों का चयन किया जाएगा जिनका क्षेत्राच्छादन सर्वाधिक है। वर्ष 2019-20 से 03 वर्ष की औसत उत्पादकता कितनी रही है ऐसे सर्वाधिक उत्पादन करने वाले 5 कृषकों का चयन विकासखण्ड / ज़िला तथा राज्य स्तर पर चिन्हीकरण किया जायेगा। इन 5 किसानों को प्रचार-प्रसार के लिए जोड़ा जायेगा तथा कृषि गोष्ठियों में उनकी भागीदारी सुनिश्चित की जायेगी। उनके द्वारा कौन सी तकनीक, बीज प्रबंधन, फसल प्रबंधन और किस विधा से खेती की उच्च उत्पादकता प्राप्त कर रहे हैं उसको अन्य किसानों के बीच में रखा जायेगा।

प्रदेश में मिलेट्स (श्रीअन्न) (ज्वार, बाजरा, कोदो, सांवा, रागी मडुवा आदि) की खेती, प्रसंस्करण एवं उपभोग को बढ़ावा देने के लिए राज्य सरकार द्वारा “उत्तर प्रदेश मिलेट्स पुनरूद्धार कार्यक्रम की रू० 186.26 करोड़ की योजना 5 वर्षों हेतु स्वीकृत की गयी है। सभी को खाद्य एवं पोषण सुरक्षा हेतु इनके उपभोग के प्रति लोगों को जागरूक करने के उद्देश्य से अन्तर्राष्ट्रीय मिलेट्स वर्ष 2023 मनाया जा रहा है। वर्ष 2023-24 हेतु कुल रू० 55.60 करोड़ की धनराशि का प्रावधान किया गया है।

उन्होंने बताया कि खेती की आर्गेनिक कार्बन बढ़ाये जाने तथा मिट्टी की उर्वरता बढ़ाये जाने हेतु 30 हजार कु0 ढैंचा बीज 50 प्रतिशत अनुदान पर उपलब्ध कराया जायेगा। इसके साथ ही जिप्सम वितरण योजना के अंतर्गत वर्तमान वर्ष 2022-23 में जिप्सम की आपूर्ति 15858.92 मी.टन की आपूर्ति सुनिश्चित की गयी तथा 75 प्रतिशत अनुदान पर 12810 मी.टन का वितरण भी किया गया।

प्रदेश में संकर बीजों के उपयोग से उत्पादन / उत्पादकता में वृद्धि किये जाने का प्रयास किया जा रहा है जिसके अन्तर्गत 20 मार्च 2023 से विकासखण्ड स्तर पर स्थापित 825 राजकीय कृषि बीज भण्डारों पर विभिन्न बीज कम्पनियों द्वारा स्टाल लगाकर कर बीजों का विक्रय / वितरण किया जायेगा तथा अनुदान की धनराशि डी०बी०टी० के माध्यम से कृषकों के खाते में हस्तांतरित की जायेगी। इसमें जायद सीजन में संकर मक्का, संकर ज्वार एवं संकर बाजरा पर रू० 10000 प्रति कु० केन्द्रीय योजना से तथा रू० 5000 प्रति कु० राज्य योजना से कृषकों को अधिकतम 50 प्रतिशत सीमा तक अनुदान अनुमन्य किया गया है। इस पर कुल रू० 20 करोड़ की धनराशि का प्रावधान किया गया है। कृषि की लागत कम करने हेतु यंत्रीकरण को बढ़ावा दिया जा रहा है। इसे भी रू० 10000 तक के कृषि यंत्र का वितरण भी स्टाल लगाकर विकासखण्ड स्तर पर स्थापित राजकीय कृषि बीज भण्डार पर कृषकों को क्रय यंत्रों पर अनुदान डी०बी०टी० के माध्यम से उनके खातों में हस्तांतरित किया जायेगा।

इस अवसर पर कृषि विभाग के अपर मुख्य सचिव डॉ देवेश चतुर्वेदी, कृषि निदेशक वीके सिंह तथा कृषि विभाग के अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित रहे।

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