सनातन फाउंडेशन से जुड़े समाज सेवी ने एक हज़ार से ज़्यादा मूर्तिया एकत्र कर किया विसर्जित

महापौर संयुक्ता भाटिया ने लोगो से की अपील पुरानी मूर्तियों को सम्मान के साथ गड्ढा खोद कर करे विसर्जित

मूर्ति विसर्जन के अवसर पर महंत दिव्यगिरी ने किया मंत्रोंउच्चार

लखनऊ । जय क़लम , मनकामेश्वर मठ की महंत दिव्या गिरी की अध्यक्षता में चलाए जा रहे सनातन फाउंडेशन की मुहिम से जुड़ कर भवानी गंज वार्ड अंतर्गत पुराना हैदरगंज के रहने वाले समाजसेवी आलोक निगम ने गुरुवार को 8 घंटे के अंदर 1000 से ज्यादा लक्ष्मी गणेश की उन मूर्तियों को एकत्र कर गोमती नदी के किनारे गड्ढा खोदकर कर ससम्मान विसर्जित किया जिन मूर्तियों को घरों में 1 साल पूजने के बाद लोगों के द्वारा हटा कर उनके स्थान पर लक्ष्मी गणेश की दूसरी मूर्तियों को स्थापित कर दिया गया था । समाजसेवी आलोक निगम ने बताया कि सनातन फाउंडेशन के द्वारा पुरानी मूर्तियों को ससम्मान विसर्जित किए जाने के लिए चलाई जा रही मुहिम का हिस्सा बनते हुए उन्होंने कई दिनों पहले भवानी गंज वार्ड के कई मोहल्लों में बैनर लगाकर लोगों से अपील की थी कि वह 1 साल तक जिन लक्ष्मी गणेश की मूर्ति की पूजा की गई उन मूर्तियों को घर से बाहर न रक्खे बल्कि इन मूर्तियों को उन्हें सौप दे ताकि इन मूर्तियों को ससम्मान गोमती तट के किनारे गड्ढा खोद कर विसर्जित किया जाए। आलोक निगम ने बताया कि उन्होंने करीब 1000 मूर्तियों को एकत्र कर 2 डाले के माध्यम से मनकामेश्वर मठ के करीब गोमती तट के पास पहुंचाया जहां महंत दिव्या गिरी के द्वारा मंत्रोच्चार के बाद मूर्तियों को ससम्मान गड्ढा खोदकर विसर्जित किया गया । इस अवसर पर लखनऊ की महापौर संयुक्ता भाटिया जी मौजूद थी। ससम्मान मूर्तियों के विसर्जन के अवसर पर बोलते हुए महापौर संयुक्ता भाटिया ने कहा कि मूर्तियों को गड्ढा खोदकर विसर्जित किया जाए ताकि गोमती नदी के पानी में मूर्तियों में मौजूद केमिकल से प्रदूषण न फैले उन्होंने लोगों से अपील की है कि जो मूर्तिया 1 साल तक पूजी गई उन मूर्तियों को सनातन फाउंडेशन के लोगों को सौंप दें ताकि फाउंडेशन की तरफ से मूर्तियों का ससम्मान विसर्जन किया जा सके । सनातन फाउंडेशन के मूर्ति विसर्जन अभियान से जुड़े समाजसेवी आलोक निगम ने लोगों से अपील करते हुए कहा है कि ईश्वर एक है और एकता में बहुत बल है श्री निगम ने कहा कि कोई भी धर्म दूसरे धर्म की इज्जत करने की शिक्षा हमें देता है और जिन मूर्तियों को हमने 1 साल तक अपने घरों में रखकर पूजा अर्चना की उन मूर्तियों को दीपावली में बदलने के बाद सम्मानित तरीके से उनका विसर्जन किया जाना जरूरी है । उन्होंने कहा कि अक्सर दीपावली के बाद देखा जाता है कि घर में पूजी जाने वाली मूर्तियों को लोग लापरवाही वश घरों के बाहर रख देते हैं जिससे मूर्तियों का अपमान होता है उन्होंने कहा कि मूर्तियां पूजनीय है और पूजनीय मूर्तियों का सम्मान पूर्वक विसर्जन किया जाना अत्यंत जरूरी है।

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