अपने देश में आतंकी हमलों में पाकिस्तान की कथित भूमिका से खफा अफगानिस्तान के राष्ट्रपति अशरफ गनी ने पाक प्रधानमंत्री शाहिद खकान अब्बासी से फोन पर बात करने से साफ इनकार कर दिया। अब्बासी ने अपनी संवेदना जताने के लिए उन्हें फोन किया था। हालांकि गनी ने भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से फोन पर लंबी बात की और आतंकी पनाहगाहों को जड़ से खत्म करने पर चर्चा की।
अब्दुल गनी ने ट्वीट कर बताया, ‘प्रधानमंत्री मोदी ने मुझे फोन कर इंसानियत के दुश्मनों के हाथ हाल में मारे गए नागरिकों के प्रति संवेदना जताई।’ दूसरी तरफ ‘टोलो न्यूज’ ने दावा किया राष्ट्रपति ने बाद में अब्बासी से फोन पर बात करने से साफ इनकार कर दिया। मोदी से हुई चर्चा के बारे में अफगान राष्ट्रपति ने कहा कि ‘हमारे पड़ोस’ में आतंकी पनाहगाहों को खत्म करने को लेकर हमने चर्चा की। उन्होंने यह भी कहा कि भारत हमेशा से अफगान का अच्छा दोस्त रहा है और सुख-दुख में साथ रहा है। काबुल इस्लामाबाद पर अफगानिस्तान में आतंकवादी समूहों को समर्थन देने का आरोप लगाता रहा है।
‘सबूत’ जुटाने को पाक पहुंचा अफगान प्रतिनिधिमंडल :
अफगानिस्तान में हाल में घातक हमलों के बीच, अफगानिस्तान के खुफिया विभाग प्रमुख मासूम स्टानिकजई और विदेश मंत्री वाइस अहमद बरमाक ने पाकिस्तान का औचक दौरा किया है। अफगानिस्तान का आरोप है कि हमले के पीछे पाक खुफिया एजेंसी आईएसआई का हाथ है। माना जा रहा है कि अफगान प्रतिनिधिमंडल ने ‘सबूत’ जुटाने के लिए पाक दौरा किया है। पाकिस्तान ने इस बात से इंकार किया है कि वह आतंकियों को मदद देता है।
पाक ने 27 आतंकी सौंपे :
पाकिस्तान ने तालिबान और हक्कानी नेटवर्क से जुड़े 27 से अधिक संदिग्ध आतंकवादियों को पिछले साल नवंबर में अफगानिस्तान को सौंपा था। एक वरिष्ठ अधिकारी ने यह दावा किया है। पाकिस्तान विदेश कार्यालय प्रवक्ता डॉ मोहम्मद फैसल ने सिलसिलेवार ट्वीट में कहा कि पाकिस्तान ने हक्कानी नेटवर्क और तहरीक ए तालिबान अफगानिस्तान के संदिग्ध तत्वों को खदेड़ना जारी रखा है, ताकि उन्हें उसकी सरजमीं से अफगानिस्तान में किसी आतंकी गतिविधि को अंजाम देने से रोका जा सके।