करणी सेना ने माना- पद्मावत में दिखायी गई राजपूतों की बहादुरी, विरोध वापस

करीब साल भर पहले संजय लीला भंसाली की फिल्म पद्मावती जिसे बाद में नाम बदलकर पद्मावत किया गया, उस फिल्म के खिलाफ ऐतिहासिक तथ्यों के साथ तोड़-मरोड़ करने के आरोप में देशभर में बवाल कर रही करणी सेना ने शुक्रवार को अपना विरोध वापस लेने का ऐलान किया। करणी सेना ने यह माना कि इस फिल्म में राजपूतों की वीरता को बढ़ाकर गौरव के साथ दिखाया गया है।

फिल्म के खिलाफ प्रदर्शन पिछले साल जनवरी 2016 में उस वक्त शुरू हुआ था जब जयपुर में सेट के ऊपर ही भंसाली के साथ बदसलूकी हुई। करणी सेना के लोगों की तरफ से यह दावा किया गया कि इस फिल्म में पद्मिनी बनी दीपिका पादुकोण और अल्लाउद्दीन बने रणवीर सिंह के बीच रोमांस दिखाया गया है।
फिल्म निर्माता के इस इनकार के बावजूद कि ऐसा कोई दृश्य फिल्म में नहीं दिखाया गया है प्रदर्शनकारियों ने देश के कई हिस्सों में लगातार बवाल और प्रदर्शन किया। दीपिका पादुकोण और संजय लीला भंसाली को जान से मारने तक की धमकी दी गई।

अब, श्री राष्ट्रीय राजपूत करणी सेना के मुंबई नेता योगेन्द्र सिंह कतार ने कहा- संगठन के राष्ट्रीय अध्यक्ष सुखदेव सिंह गोगमदी के निर्देश पर कुछ सदस्यों ने यह फिल्म शुक्रवार को मुंबई में देखी और यह पाया कि इस फिल्म के अंदर राजपूतों की बहादुरी और उनकी कुर्बानी को बढ़ाचढ़ा कर दिखाया गया है। इस फिल्म को देखने के बाद सभी राजपूत अपने आपको को गौरवान्वित महसूस करेंगे।

उन्होंने एक पत्र जारी करते हुए कहा- दिल्ली के शासक अलाउद्दीन खिलजी और मेवाड़ी की रानी पद्मावती के बीच ऐसा कोई भी दृश्य नहीं दिखाया गया है जिससे राजपूतों की भावनाओं को चोट पहुंचे। इसलिए, करणी सेना अपना विरोध वापस लेती है। साथ ही, राजस्थान, मध्यप्रदेश और गुजरात समेत देश के सभी हिस्सों में इस फिल्म को रिलीज कराने में करणी सेना प्रशासन को मदद करेगी।

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