अभी तक विश्वविद्यालय प्रशासन की तरफ से शिक्षक नेताओं से बात चीत की नहीं की गई कोई कोशिश ।
शिक्षक साथियों का कहना इससे भी बात नही बनी तो गवर्नर हाउस की तरफ किया जाएगा कूच।
लखनऊ । जय क़लम, इतनी भीषण गर्मी में ग्रीष्म अवकाश न देने, जो शिक्षार्थी और शिक्षक दोनों के हित में नही है । साथ ही महाविद्यालय के शिक्षकों के साथ भेद भाव का रवैया अपनाने ( विश्विद्यालय के शिक्षकों को प्राथमिकता देना) । और इतनी जल्दी बिना पर्याप्त समय दिए और रिजल्ट निकाले अगले सेमेस्टर के जल्द बाजी में विद्यार्थियों को एलएलबी, बीए, बीएससी एवं बीकॉम के एग्जाम (में झोंकने) करवाने, और नए एडमिशन लेने वाले विद्यार्थियों से 100 रूपए का यूनिवर्सिटी में पहले नामांकन फीस द्वारा पैसे की उगाही करने पर नाराज एवं अन्य मांगों को लेकर सभी शिक्षक साथी ( लखनऊ विश्विद्यालय महाविद्यालय शिक्षक महा संघ के आवाहन पर) विश्विद्यालय परिसर में कल सुबह से अनिश्चित कालीन आंदोलन में डटे हुए है ।
इस अवसर पर शिया पीजी कॉलेज के शिक्षक नेता एवं उत्तर प्रदेश विश्विद्यालय महाविद्यालय शिक्षक महा संघ के प्रतिनिधि डॉ वहीद आलम ने कहा की यूजीसी के नियम के अनुसार महाविद्यालय के शिक्षकों को 8 सप्ताह की ग्रीष्म अवकाश मिलता रहा है जो 20 मई से जुलाई का प्रथम सप्ताह रहता था परंतु इस बार एलयू ने सिर्फ 6 सप्ताह का ही अवकाश प्रदान किया है । वो भी 4 जून से साथ ही इन अवकाश में ही विद्यार्थियों को बिना पर्याप्त समय दिए ( पिछले सेमेस्टर के एग्जाम 7 अप्रैल को खत्म हुए है) इतनी जल्दी अगले सेमेस्टर के एग्जाम करवाने की कोशिश में है । अवकाश के दौरान अगर एग्जाम होंगे तो अवकाश का क्या मतलब होगा । एग्जाम में ड्यूटी करनी होगी कॉलेज आना होगा।
इतनी जल्दी एग्जाम करवाना छात्र छात्राओं के भविष्य के साथ खिलवाड़ करना है । जो एग्जाम दिसंबर में होते थे उन्हे मार्च अप्रैल में करवाया गया इसके पीछे विश्विद्यालय का दोष रहा है कि वे समय से एजेंसी हायर नही कर पाए और एग्जाम 3 महीना लेट हुआ जिसका भी दोष वे कॉलेजों पर मढ रहे है।
रजिस्टार बात करने आए 2 घंटे बाद मिलने को बोल पीछे के गेट से भाग गए । तभी लुआक्टा अध्यक्ष प्रो मनोज पाण्डेय जी ने धरना अनिश्चित काल के लिए होगा कि उद्घोषणा कर दी। अभी तक विश्वविद्यालय प्रशासन की तरफ से शिक्षक नेताओं से बात चीत की कोशिश नही की गई है।
शिक्षक साथी पीछे हटने वाले नही है उनका कहना है अगर बात ऐसे नही बनी तो ताला बंदी , मूल्यांकन का बहिस्कार और एग्जाम का बहिष्कार किया जाएगा ।
इससे भी बात नही बनी तो गवर्नर हाउस की तरफ कूच किया जाएगा। अब निर्णायक लड़ाई का समय आ चुका है शिक्षक पीछे हटने वाले नही है ।
पूरा विश्विद्यालय वीसी मुर्दाबाद, रजिस्टार मुर्दाबाद, फेक प्रशासन मुर्दाबाद , विश्विद्यालय प्रशासन मुर्दाबाद, वीसी तेरी तानाशाही – मनमानी नही चलेगी नारों से गूंज रहा है।