लखनऊ के तमाम निष्पक्ष वरिष्ठ पत्रकार है पत्रकारिता की आन बान और शान

ख़ालिद रहमान

लोकतंत्र के चौथे स्तंभ यानी पत्रकारिता के प्रहरी सच्चे पत्रकार आज भी गोदी मीडिया के इस दौर में पत्रकारिता जैसे अविश्वसनीय पेशे की विश्वसनीयता को बचाने की जद्दोजहद में लगे हुए हैं । वैसे तो पूरे देश में तमाम ऐसे सच्चे पत्रकार लगातार पत्रकारिता के प्रति अपने दायित्वों का तमाम कठिनाइयों के नीच निर्वाहन कर रहे हैं लेकिन उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में भी ऐसे सच्चे निष्ठावान पत्रकारों की कमी नहीं है जो अपनी निष्पक्ष लेखनी की बदौलत पत्रकारिता की आन बान और शान है और ये पत्रकार समय-समय पर समाज और देश हित से सरोकार रखने वाले समाचारों को देशवासियों के सामने पूरी ईमानदारी से लाकर गोदी मीडिया के इस दौर में अपनी अलग पहचान बनाने में आज भी सफल है । उत्तर प्रदेश की राजधानी में ऐसे सच्चे पत्रकारों की संख्या बहुत ज्यादा है जो न्यूज़ चैनल, समाचार पत्रों एवं न्यूज़ पोर्टल के माध्यम से समय-समय पर अपनी लेखनी के जौहर दिखाकर ये साबित करते रहते हैं कि समाज को सही दिशा दिखाते हुए सरकार और अधिकारियों से सवाल पूछने की हिम्मत पत्रकार ही रखते हैं । उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में वैसे तो पत्रकारों की संख्या बहुत ज्यादा है लेकिन इन्हीं ज्यादा संख्या वाले पत्रकारों में वो कुछ चुनिंदा नाम भी मौजूद है जिन्होंने कभी भी सच से मुंह नहीं मोड़ा और बिना किसी लालच और बिना किसी डर के सच्ची पत्रकारिता करते हुए पत्रकारिता के गौरव को बुलंदियों पर ले जाने के लिए कोई कोर कसर नहीं छोड़ी । हालांकि अच्छे और सच्चे पत्रकारों की संख्या इतनी ज्यादा है कि उनके नाम लिख पाना संभव नहीं है क्योंकि सच्चे पत्रकारों की लिस्ट काफी लंबी है यही वो सच्चे पत्रकार है जिनकी ईमानदारी और सच्ची लगन और कलम की धार के कद्रदान भी बहुत ज्यादा है ऐसे सच्चे पत्रकार संसाधन विहीन उन पत्रकारों के लिए बड़ी हिम्मत और प्रेरणा का स्त्रोत है जो कम संसाधनों में पत्रकारिता के प्रति अपने दायित्वों का निर्वाहन करने के प्रयास में निरंतर लगे हुए हैं।

दीपावली में मिठाई और पटाखे बटोरने की होड़ में जुटे रहे कुछ पत्रकार

विश्वस्त सूत्रों ने बताया कि उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में इस दीपावली के त्यौहार में कुछ कथित पत्रकारों ने थाने चौकियों से मिठाई के डिब्बे और पटाखों को एकत्रित करने के लिए अपनी पूरी ताकत झोंक दी। सोशल मीडिया को ही समाचार पत्र , न्यूज़ चैनल और न्यूज़ पोर्टल मानकर अपने आप को जुझारू और वरिष्ठ पत्रकार कहने वाले दर्जनों पत्रकारों ने दीपावली से पहले ही अपने उन करीबी पुलिस कर्मियों को चिन्हित कर लिया था जहां से उन्हें मिठाई और पटाखों के डिब्बे एकत्र करने थे । सूत्र बता रहे हैं कि लखनऊ के प्रत्येक थाना क्षेत्रों में थानों के आसपास भटकने वाले इन पत्रकारों ने इस बार मिठाई और पटाखे के डिब्बे इकट्ठा करने में बहुत बड़ी सफलता हासिल की है । मिठाई के डिब्बों को पुलिस कर्मियों से दीपावली के अवसर पर हासिल कर अपनी पत्रकारिता साबित करने वाले कुछ पत्रकारों को तो इतने मिठाई के डिब्बे मिल गए की वो अगर चाहते तो दीपावली के अवसर पर मिठाई की छोटी दुकान खोल सकते थे । सूत्रों ने बताया कि पुराने लखनऊ से लेकर लखनऊ के समस्त थाना क्षेत्रों में इस बार ऐसे कथित पत्रकारों के द्वारा मिठाई के डिब्बे और पटाखों के डिब्बे बटोरने की होड़ लगी हुई थी जो सोशल मीडिया को ही पत्रकारिता का प्लेटफार्म मानकर सीना ठोक कर अपने आपको पत्रकार कहते हैं।

झल्लाए पत्रकार ने गुडवर्क का मैसेज न चलाने की खाई कसम

सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार अपने आप को लोकतंत्र के चौथे स्तंभ के प्रहरी पत्रकार बता कर थानों के आसपास मंडराने वाले कुछ नादान पत्रकारों में दीपावली के बाद गहरा रोष और अफसोस देखने भी देखने को मिल रहा है। सूत्र बता रहे हैं कि ये वो चंद पत्रकार है जिन्होंने दीपावली से पहले थानों के चक्कर इसलिए ज्यादा बढ़ा दिए थे क्योंकि उन्हें उम्मीद थी कि दीपावली के अवसर पर उन्हें थाने की तरफ से मिठाई का डब्बा और पटाखे उपलब्ध कराए जाएंगे लेकिन दीपावली के अवसर पर पटाखे और मिठाई से महरूम रहे कुछ पत्रकारों के चेहरों पर उदासी के साथ गुस्सा देखने को मिल रहा है । सूत्र बता रहे हैं कि थाने से मिठाई का डिब्बा न मिलने से नाराज एक पत्रकार तो इतना झल्लाए हुए देखे गए कि उन्होंने थाने का कोई भी गुडवर्क सोशल मीडिया पर वायरल न करने की कसम तक खा ली है । सूत्रों के अनुसार पुराने लखनऊ में रहने वाले एक पत्रकार ने अपने मित्र पत्रकारो के सामने दीपावली के दूसरे दिन थाने से मिठाई न मिलने के कारण थानेदार पर ऐसी भड़ास निकाली की उसका गुस्सा देखकर वहां मौजूद तमाम लोग अपनी हंसी नहीं रोक पाए और मीडिया की इस हालत पर अफसोस जाहिर करते हुए थाने की मिठाई से महरूम रहे इस पत्रकार को अगली दीपावली पर थाने से मिठाई मिलने की उम्मीद रखने के लिए समझाते रहे ।

गरीब परिवार के लाखो डकार गया ऐनक वाला एक कथित पत्रकार

सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार लखनऊ मध्य जोन में रहने वाले ऐनक वाले एक कथित पत्रकार ने एलडीए का मकान दिलाए जाने के लिए लखनऊ पश्चिम जोन में रहने वाली मां और बेटी से 3 लाख रुपए की रकम ऐंठ ली और मकान दिलाए जाने के लिए मां बेटी को लगातार टरका रहा है। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार अपने आपको वरिष्ठ पत्रकार बताने वाले इस कथित पत्रकार ने पश्चिम क्षेत्र में रहने वाली 2 महिलाओं से 3 लाख रुपए करीब 2 साल पहले एलडीए का मकान दिलाने के लिए लिए थे लेकिन 2 साल का लंबा अरसा बीत जाने के बाद भी इन महिलाओं को न तो मकान मिला और न ही अब ये ऐनक वाला कथित पत्रकार इन महिलाओं के पैसे ही वापस करने के मूड में है। सूत्रों के अनुसार अपने आपको वरिष्ठ पत्रकार बताने वाले इस कथित पत्रकार ने इन्ही दो महिलाओं में से एक महिला की आंख का ऑपरेशन कराए जाने के लिए भी 30 हज़ार रुपए की वसूली कर ली और 8 महीने का लंबा अरसा बीत जाने के बावजूद भी इसने आंख का ऑपरेशन मराना तो दूर उस मजबूर महिला की आंख में दवा का एक कतरा भी नहीं डलवाया । सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार इस कथित पत्रकार की ठगी का शिकार होकर 3 लाख 30 हज़ार रुपए गवां चुकी दोनों महिलाओं ने अब इस कथित पत्रकार की इस काली करतूत की शिकायत दर्ज कराने का मन बना लिया है । सूत्र बता रहे हैं कि जल्द ही इस पत्रकार के खिलाफ ये दोनों महिलाएं पुलिस से शिकायत करने के मूड में आ गई है।

बढ़ई से पत्रकार बने बड़बोले ने बीयर बार में मनाई दीपावली

सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार विदेश में रहकर बढ़ई का काम करने वाले लखनऊ के पूर्वी जोन के रहने वाले बड़बोले पत्रकार ने इस दीपावली में एक बीयर बार में जमकर बियर पी कर दिवाली की खुशियां नशे में धुत होकर मनाई । सूत्रों ने बताया कि अपने एक रिश्तेदार की मदद से पत्रकारिता जैसे पवित्र पेशे में आकर एक सम्मानित समाचार पत्र का रिपोर्टर बनने के बाद इस बड़बोले पत्रकार ने पुलिस विभाग में ऐसी पैठ बनाई कि कुछ पुलिस कर्मी गलतफहमी का शिकार होकर इस बड़बोले पत्रकार से इतना प्रभावित हो गए कि वो इस बड़बोले की नाजायज मांगों को भी पूरा करते रहते हैं । सूत्र बता रहे हैं कि इस दीपावली पर इस बड़बोले पत्रकार की इसके कुछ करीबी पुलिस कर्मियों ने एक बीयर बार में दावत की थी जहां बड़बोले ने बियर के साथ दीपावली मना कर बीयर बार में खींची गई फोटो अपने शुभचिंतकों के पास पास भेज कर अपने आप को बड़ा रुतबेदार पत्रकार साबित करने प्रयास भी किया । सूत्र बता रहे हैं कि दीपावली के त्यौहार में इस बड़बोले पत्रकार ने अपने कुछ करीबी पुलिस कर्मियों से मनपसंद मिठाई और पटाखों की फरमाइश की थी । सूत्र बता रहे है कि दीपावली के मौके पर मिले मिठाई के डिब्बो इस बड़बोले ने अपने चाहने वालो को दीपावली का गिफ्ट भेजा। सूत्रों के अनुसार पुराने लखनऊ के 2 इंस्पेक्टरों के द्वारा बड़बोले पत्रकार को मंहगे गिफ्ट और मिठाई पटाखों के पैकेट भी भेंट किए गए। सूत्र बता रहे हैं कि लखनऊ पूर्वी क्षेत्र में रहने वाले इस बड़बोले पत्रकार की चमक दमक और अधिकारियों के साथ खिंचवाई गई फोटो को देख कर कुछ पुलिसकर्मी इसे बड़ा वरिष्ठ पत्रकार समझ कर अर्दब में आ जाते हैं और इसकी नाजायज मांगों को वो इसलिए पूरा करते हैं क्योंकि कहीं न कहीं गलतफहमी का शिकार ये पुलिसकर्मी इस बड़बोले पत्रकार की शान और शौकत और अधिकारियों के साथ खिचावाई गई फोटो देख कर भ्रमित हो जाते है या तो डरे हुए या फिर इसके हमदर्द पुलिस कर्मियों की कोई कमज़ोर नस इस बड़बोले कथित पत्रकार ने दबा रक्खी है ।

खिसियानी बिल्ली खम्बा नोचे की कहावत को चरितार्थ कर रहा है बड़बोला

सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार बढ़ई के पेशे से पत्रकारिता जैसे पवित्र पेशे में आकर पत्रकारिता को अपनी कमाई का जरिया बनाने वाले बड़बोले की काली करतूतों की जब पोल खुलने लगी तो बड़बोला बुरी तरह से हताश हो गया और उसने शायरी करना शुरू कर दी। सूत्र बता रहे हैं काली करतूतों से पर्दा उठाने के बाद बड़बोला अपनी भड़ास सोशल मीडिया के माध्यम से शायरी कर निकालने का प्रयास कर रहा है और खिसियानी बिल्ली खंबा नोचे वाली कहावत को चरितार्थ करते हुए अपनी शान में कसीदे पढ़ने जैसे शेर लिख कर अपने सेट किए हुए लोगो से वाह-वाही लूट रहा है सोशल मीडिया पर इस बड़बोले के द्वारा पोस्ट किए जाने वाले बेतुके शेर पर वाह वाह करने वाले चंद लोग इसने सेट कर दिए है । सूत्र बता रहे हैं कि बड़बोला पत्रकार जब सोशल मीडिया पर अपनी शान में कसीदे पढ़ने वाला शेर लिखता है तो इसके कुछ साथी बड़बोले के द्वारा अपनी झूठी शान में लिखे गए शेर पर वाह-वाह करते हुए इस बड़बोले की वाहवाही में लग जाते हैं।

सोशल मीडिया पर वायरल हुई मुर्गा बनाने के एक वीडियो ने कर दी फजीहत

2 दिन पूर्व सोशल मीडिया के एक व्हाट्सएप ग्रुप पर वायरल हुए एक वीडियो ने पत्रकारिता जैसे पवित्र पेशे को शर्मसार कर दिया। सोशल मीडिया पर वायरल हुए इस वीडियो में दो युवकों को हाथ में बैट लिए एक व्यक्ति गालियां बकते हुए मुर्गा बनाए हुए देखा गया। कुछ सेकंड तक मुर्गा बने इन दोनों युवकों ने खड़े होकर उस व्यक्ति से हाथ जोड़कर माफी मांगी जो हाथ में बैट लेकर इन युवाओं को दोबारा हरकत ना करने के लिए चेतावनी दे रहा था । सोशल मीडिया पर वायरल हुए इस वीडियो के साथ एक मैसेज भी वायरल हुआ जिसमें वायरल वीडियो मेरठ का बताया गया और वीडियो में मुर्गा बने देखे गए दोनों युवकों को पत्रकार बताया गया था । सोशल मीडिया पर वायरल हुआ वीडियो अगर सही है तो ये पत्रकारिता पर बदनुमा दाग लगाने वीडियो है और अगर ऐसे पत्रकार पत्रकारिता में मौजूद रहेंगे तो संभव है कि वास्तविक पत्रकारों को अपना अस्तित्व बचाने के लिए पूरी ताकत झोंकनी पड़ेगी। सोशल मीडिया पर वायरल हुई इस वीडियो ने पत्रकारिता को शर्मसार करने में कोई कसर नही छोड़ी।

डिजाइनर टोपी वाला पत्रकार दूसरे बड़े शिकार की तलाश में जुटा

सूत्रों के अनुसार पुराने लखनऊ में रहने वाले डिजाइनर टोपी वाले पत्रकार ने पत्रकारिता को शर्मसार करने की जैसे कसम खा रखी है । सूत्र बता रहे हैं कि अपने आप को एक पत्रकार एसोसिएशन का बड़ा पदाधिकारी बताने वाला ये डिजाइनर टोपी बाज़ पत्रकार एक राजनीतिक घराने को 45 लाख रुपए की चपत लगाने के बाद अब दूसरे शिकारो को दूसरे राज्यों में तलाश कर रहा है । सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार अपने संगठन को राष्ट्रीय स्तर पर पहुंचाने और संगठन के नाम की आड़ में लोगों से लाखों रुपए की ठगी करने की मंशा रखने वाले इस डिजाइनर टोपी बाज़ ने दूसरे राज्य में अपनी जड़े जमा ली है और इसके जाल में कई अमीर घरानों के लोग फंसने को भी इसकी ऊंची चमक-दमक देखकर तैयार हो गए हैं । सूत्र बता रहे हैं कि डिजाइनर टोपी बाज इस पत्रकार ने पूर्व में एक राजनीतिक परिवार से पानी के कारोबार का झांसा देकर ठगे गए 45 लाख रुपए से अपना आलीशान मकान बनाया और महंगी गाड़ी खरीद कर अपने आप को रसूखदार पत्रकारों की श्रेणी में लाकर खड़ा कर दिया। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार इस डिजाइनर टोपी बाज़ पत्रकार के कुछ साथी भी इसकी हरकतों से अब बेहद खफा हैं और वो अपने आप को इसकी काली बदनुमा छाया से बचाने के लिए अब इससे किनारा कशी का रास्ता भी ढूंढ रहे हैं।

कुछ पत्रकार पीड़ितों के प्रार्थना पत्र लिख कर कर रहे है वसूली

सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार लखनऊ के कई ऐसे थाना क्षेत्र है जहां थानों के आसपास के चाय के होटलों में ऐसे कथित पत्रकार थानों पर शिकायत लेकर आने वाले पीड़ितों से 100 रुपए लेकर उनके प्रार्थना पत्र लिखने का कारोबार कर रहे हैं । सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार थाने के आसपास मंडराने वाले ये कथित पत्रकार पीड़ित की वेशभूषा और भाँशा शैली देखकर ये अंदाजा लगाते हैं कि पीड़ित पढ़ा लिखा है या नहीं है । सूत्रों के अनुसार अनपढ़ पीड़ितों को ताड़ कर मजबूत कार्यवाही कराए जाने का झांसा देकर ये कथित पत्रकार थाने के नजदीक चाय के होटल में ले जाते हैं और उसका प्रार्थना पत्र लिखने के एवज में उससे 100 रुपए की वसूली करते हैं । सूत्र बता रहे हैं कि थानों के आसपास भटकने वाले ये कथित पत्रकार प्रार्थना पत्र के 100 रुपए लेने के अलावा पीड़ितों के पैसों से ही चाय नाश्ते का लुत्फ भी उठाते हैं यही नहीं सूत्र यहां तक बता रहे हैं कि थाने में अपनी ऊंची पहुंच बताकर ये कथित पत्रकार पीड़ितों के प्रार्थना पत्र पर कठोर कार्यवाही कराए जाने का झांसा देकर पीड़ितों से मोटी रकम भी ऐंठ लेते हैं।

शेष आगामी अंक में

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