बाज़ार खाला में मंदिर से लौट रही बुजुर्ग महिला से हुई टप्पेबाजी

पुलिस चौकी से महज़ 500 मीटर की दूरी पर हुई घटना

रविवार की सुबह हुई घटना 12 घंटे बाद भी घटना को छुपाते रहे चौकी इंचार्ज

लखनऊ । जय क़लम, पुलिस से बेखौफ टप्पेबाज़ों ने बाजार अखाड़ा थाने की मिल एरिया पुलिस चौकी से महज़ 500 मीटर की दूरी पर अधिवक्ता की बुजुर्ग पत्नी को अपराध की घटना का डर बता कर उनके हाथ की चार सोने की चूड़ियां उतरवा की और हाथ की सफाई का हुनर इस्तेमाल करते हुए टप्पेबाज़ ने कागज की पुड़िया को बदलकर चूड़ियां गायब कर दी। कुछ देर बाद महिला को जब पता चला तो पुलिस को सूचना दी गई पुलिस मौके पर पहुंची लेकिन देर शाम तक चौकी इंचार्ज घटना को छुपाते रहे।

जानकारी के अनुसार बुजुर्ग अधिवक्ता गणेश प्रसाद गुप्ता अपनी 70 वर्षीय पत्नी गायत्री गुप्ता और बेटी मनीषा गुप्ता व उसके दो बच्चों के साथ बाजार खाला थाना क्षेत्र के मोती झील कॉलोनी में रहते हैं। रविवार की सुबह उनकी पत्नी गायत्री गुप्ता बालाजी मंदिर से दर्शन कर वापस लौट रही थी तभी मिल एरिया पुलिस चौकी से महज 500 मीटर की दूरी पर संजय नगर मोड़ के पास उन्हें एक व्यक्ति ने रोक कर कहा कि वो पुलिस वाला है और अपराध की घटनाएं घटित हो रही हैं सोने की चूड़ियां न पहनो। पीड़िता गायत्री गुप्ता ने बताया कि उस व्यक्ति द्वारा कुछ दूर पर खड़े हुए एक व्यक्ति को बुलाकर उसके गले से चेन यही कहते हुए उतरवाए गई की घटनाएं हो रही हैं सोने का सामान पहनना मना है । टप्पेबाज़ के द्वारा गायत्री गुप्ता से भी उनकी चार चूड़ियां उतरवाई गई और कागज में लपेट कर वापस कर दी और गायत्री से कहा गया कि सोने का सामान पहनकर न निकला कीजिए । गायत्री कागज़ की पुड़िया लेकर चली और कुछ दूर जाकर जब गायत्री ने कागज की पुड़िया खोली तो उनके होश उड़ गए कागज़ की पुड़िया में सोने की चूड़ियां नहीं बल्कि शीशे की चूड़ियां रखी हुई थी उन्होंने शोर मचा के अन्य लोगों को बुलाया तो सूचना पुलिस को दी गई पुलिस ने मौके पर पहुंच कर गायत्री गुप्ता से पूछताछ की और वापस चली गई । इस संबंध में जानकारी के लिए जब मिल एरिया पुलिस चौकी के इंचार्ज ज्ञानेश सिंह से रविवार रात करीब 8 बजे जानकारी मांगी गई तो उन्होंने घटना से ही इनकार कर दिया उनका कहना था कि इस तरह की कोई घटना उनके क्षेत्र में होने की उन्हें कोई जानकारी नहीं है। जबकि घटना सुबह करीब 7 बजे की बताई जा रही है और गायत्री गुप्ता के अनुसार घटना की सूचना पुलिस को दी गई थी और पुलिस भी मौके पर पहुंची थी । सवाल ये उठता है कि घटना को छुपाने से क्या पुलिस घटना को अंजाम देने वाले अपराधियों तक पहुंच जाएगी। पीड़ित गायत्री गुप्ता ने बताया कि सुबह के बाद उनके पास कोई भी पुलिस कर्मी वापस लौट कर नहीं आया और उनकी चार चूड़ियां उनकी मां ने उन्हें दी थी जिसका वजन करीब 4 तोले से ज्यादा था।

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