भारत की बेटी शहीद डाः प्रियंका को एक छोटी सी भेंट’

जब देश वासियों मे एलेक्शन का जोर था
बेटी पढाओ बेटी बचाओ का शोर था

लेकिन मिली जो कुर्सी तो सब भेद खुल गए
मैले कुचैले चेहरे गुलाबों से धुल गए

सत्ता के लोभी देश पे धित्कार हो गए
कुछ साल मे हज़ारो बलत्कार हो गए

पढ लिख के एक बेटी जब डाकटर बनी
घर वालों देश वालों की ऊम्मीद खिल ऊठी

पशुओं की डाकटर थी बडा उसका काम था
भारत की उस जियाली का प्रियंका नाम था

लेकिन अधर्मियों की नज़र उस को खा गई
ये बेटी अपने ख़ून में एक दिन नहा गई

पढने का एक बेटी को इनाम ये मिला
इज्ज़त भी लूटी और उसे ज़िदा जला दिया

हर पल जहाँ पे हिंसा की घटना घटे कोई
उस राक्षस समाज में कैसे रहे कोई

फिर यूँ हुआ पुलिस ने उन्हें गोली मार दी
ओर पापियों को उनके किये की सज़ा मिली

वो काम कर गई है तेलंगाना की पुलिस
इतिहास रच चुकी है तेलंगाना की पुलिस

ऐसा ही काम देश के ऐ वासियो करो
लाखों सलाम ऐसे पुलिस कर्मियों पे हो

जो दें प्रेरणा कि बलत्कार कीजिये
उनका अज़ीम आप बहिष्कार कीजिये

अज़ीम आज़मी मुम्बई

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