अगर इन सुझावों पर किया जाए गौर तो हो सकता है अपराध की घटनाओं पर नियंत्रण

अपराध की रोकथाम और पुलिस पर जनता के विश्वास को कायम रखने के लिए अगर इन सुझाव पर गौर कर लागू किया जाए तो सम्भव है कि अपराध की घटनाओ मे कमी आए और  हालात बेहतर हो। 33 बिंदुओं पर हमारे द्वारा दिए गए सुझाव हमारे अपने व्यक्तिगत विचार है।

खा़लिद रहमान
अपराध की रोकथाम के लिए सबसे पहले पुलिस कर्मियो को तनाव मुक्त किए जाने की ज़रूरत है इस लिए प्रत्येक थाना प्रभारी की 12 घण्टे एवं इसके अलावा प्रत्येक पुलिस कर्मी की सिर्फ 8 घण्टे की ड्यूटी सुनिश्चित हो।
2
पुलिस कर्मियो को तनाव मुक्त रखने के लिए प्रत्येक पुलिस कर्मी को एक महीने में 4 छुट्टियां अवश्य दी जाए  ताकि पुलिस कर्मी अपने परिवार के सम्पर्क मे रह कर तनाव मुक्त रहे। 
3
जिले के प्रत्येक थानों में 6 अलग अलग तरह की टीमें हो , एक टीम को कानून व्यवस्था दूसरी टीम को सिर्फ क्राइम कंट्रोल की ज़िम्मेदारी दी जाए तीसरी टीम को मुकदमो की विवेचना में लगाया जाए चौथी टीम को थाने पर शिकायत लेकर आने वालों की समस्याओं के निस्तारण की ज़िम्मेदारी दी जाए पांचवी टीम को क्षेत्र में होने वाले कार्यक्रमो एवं वीआईपी ड्यूटी की ज़िम्मेदारी दी जाए छठी टीम को मोहल्लों बाज़ारो के गश्त के अलावा यातायात नियंत्रण की ज़िम्मेदारी दी जाए।
4
ज़िले के उच्च अधिकारी लगातार अपने अपने क्षेत्र के थाने चौकियों में बिना किसी पूर्व सूचना के अचानक पहुच कर औचक निरीक्षण करते रहे  ताकि पुलिस कर्मियो मे ये डर बना रहे कि यदि उन्होने काम मे लापरवाही की तो अधिकाारी अचानक उन तक पहुॅच कर उनके काम की समीक्षा कर उन्हे लापरवाही बरतने के आरोप मे दंडित कर सकते है।  
5
बाज़ारो चौराहों मोहल्लों में जिन पुलिस कर्मियों को लगाया जाए उनके पास ड्यूटी के समय पर्सनल मोबाइल न हो और वो बॉडी प्रोटेक्टर से लैस रहे ताकि अपराध की मंशा रखने वालों उपद्रवियों शोहदों में पुलिस कर्मियों का डर हो।
6
लखनऊ कमिश्नरेट में पांच जोन है हर जोन में एक महिला थाना बनाया जाए महिलाओं से सम्बंधित अपराधों की समस्त कार्यवाही महिला थाने से ही कि जाए पुरुष थानों पर आने वाली पीड़ित महिलाओं को महिला थाने पहुचाने के लिए प्रत्येक थाने पर वाहन उपलब्ध कराया जाए पिंक बूथ को समाप्त कर दिया जाए क्यूकि हमारे द्वारा किए गए व्यक्तिगत सर्वे के अनुसार थानो पर बनाई गई महिला हेल्प डेस्क पिंक मोबाईल या पिंक बूथ पर लगाई गई महिला पुलिस कर्मियों द्वारा उनके पास शिकायत लेकर आने वाली महिलाओ की अधिक्तर समस्याएं पुरूष पुलिस कर्मियो को ही देखनी पड़ती है । पीड़ित महिलाओ के साथ महिला पुलिस कर्मियो द्वारा अच्छा व्यवहार नही किया जाता है । पिंक बूथ पिंक मोबाईल या थाने पर बने महिला हेल्प डेस्क पर तैनात सभी महिला पुलिस कर्मियो को महिला थानो मे तैनात किया जाए और बाज़ारो में महिला पुलिस कर्मियों को सादे कपड़ो में भी लगाया जाए।
7
अक्सर ये शिकायत मिलती है कि थाने पर शिकायत लेकर आने वालों के मुकदमे लिखने में थानेदार आनाकानी करते है इसके लिए रियल्टी चेक के तौर पर अधिकारी टेस्ट एफआईआर कराने के लिए सादे कपड़ों में अपनी पहचान छुपा कर थानें पहुचे और एफआईआर न लिखने वालों पर तुरन्त कार्यवाही करें।
8
थाने चैकियाों के आसपास एंटी करप्शन की टीम को पुलिस कर्मियो की निगरानी के लिए गुप्त तरीके से लगाया जाए जो पुलिस कर्मियों की निगरानी करे और यदि कोई पुलिस कर्मी रिश्वत ले तो उसके खिलाफ तत्काल सख्त कार्यवाही हो
9
किसी भी अपराध की घटना के होने के बाद अधिकारी सम्बंधित थानेदार को वारदात के खुलासे के लिए समय निर्धारित न करे ताकि दबाव के कारण कोई निर्दोष न पकड़े जाए। निर्दोष के पकड़े जाने पर और अपराध के बढ़ने की संभावना इस लिए प्रबल होती है क्योंकि अगर किसी हत्या लूट की घटना के बाद उच्च अधिकारियों के दबाव में थानेदार जल्दबाजी में वारदात का खुलासा ऐसे लोगो को पकड़ कर कर देते है जिनका इस घटना से कोई सम्बन्ध नही होता ऐसे में अपराधी बच कर दूसरा अपराध करता है और गिरफ्तार किए गए निर्दोष के मन मे ये आता है कि बिना अपराध के पकड़े जाने से बेहतर है अपराध करके पकड़े जाएं।
10
थाने में इस्तेमाल की जाने वाली वस्तुओं या आगन्तुको के लिए चाय नाश्ता थानों के अन्य खर्च जैसे गाड़ियों के पेट्रोल डीजल के खर्च का बजट विभाग से त्वरित जारी किया जाए थाने के पुलिस कर्मी किसी भी दुकानदार से नेता से या किसी अन्य से कोई भी सामान की खरीद के लिए न कहे क्योंकि एहसान तले दबे लोग किसी न किसी के साथ नाइन्साफी कर देते है । हमारे द्वारा किए गए व्यक्तिगत सर्वे मे निकल कर आया है कि तमाम थाने चैकियों की मरम्मत के लिए स्थानीय प्रापर्टी डीलरो, बड़े दुकानदारो, ठेकेदारो, या अन्य ऐसे धनाढय लोगो की सहायता ली जाती है जो पुलिस पर किए गए एहसान के बदले पुलिस कर्मियो से बड़े काम करवाते है जिसमें अक्सर किसी न किसी के साथ न इन्साफी होती है और अक्सर पुलिस कर्मियों पर तरह तरह के आरोप लगते है। 
11
अक्सर देखा जाता है कि पुलिस कर्मी मीडिया कर्मियों से थाने पर ठीक से बात नही करते है पुलिस कर्मी कहते है कि पत्रकारो की संख्या बहोत ज़्यादा है इस समस्या से निजात पाने के लिए न्यूज़ चैनल  समाचार पत्र न्यूज़ पोर्टल के सम्पादक से उन रिपोर्टरों की लिस्ट मांगी जाए जो क्राईम रिपोर्टिंग के लिए नियुक्त किए गए हो  ताकि थाने चौकियों मे उन्ही पत्रकारो को समाचार संकलन के लिए जाने की अनुमति हो जो पुलिस या अपराध से सम्बन्धित समचार के संकलन के लिए नियुक्त किए गए हो। 
12
प्रत्येक थाने पर मीडिया सेल का एक कर्मचारी नियुक्त किया जाए जो प्रकाशित की जाने वाली खबर की प्रत्येक जानकारी साक्षात या दूरभाष के द्वारा पत्रकार को उपलब्ध कराए।
13
सम्पादक द्वारा नियुक्त किये गए रिपोर्टर से थाने चौकियों में सम्मान पूर्वक व्यवहार हो एवं सूचनाएं देने में पारदर्शिता लाई जाए क्योंकि अक्सर देखा जाता है कि कोई भी घटना घटित होने पर पत्रकार से पुलिस दूरी बनाती है और जब कोई गुडवर्क होता है तो पत्रकार को बुलाया जाता है ये व्यवस्था पुलिस और पत्रकार के सम्बन्धो के लिए घातक साबित होती है।
14
थानों से मुलजीमो को न्यायालय ले जाने के लिए सिर्फ सरकारी वाहन का प्रयोग किया जाए किसी भी टैक्सी या अन्य किसी प्राइवेट वाहन का इस्तेमाल न हो।
15
प्रत्येक थाने पर पुलिस कर्मियों के लिए हर वो सुविधा उपलब्ध कराई जाए जिसकी आवश्यकता ड्यूटी के समय पुलिस कर्मी को हो। 
16
थानों से बनाए गए सभी पुलिस मित्रो के कार्ड निरस्त कर ऐसे लोगो के कार्ड बनाए जाए जिनका क्षेत्र के लोगो मे मांन सम्मान हो ऐसे किसी भी व्यक्ति को पुलिस मित्र न बनाया जाए जिसकी छवि क्षेत्र में खराब हो। हमारे द्वारा किए गए व्यक्तिगत सर्वे मे पता चला है कि ज़िले के थानो से बनाए गए तमाम पुलिस मित्रो की छवी गली मोहल्लो मे ठीक नहीं है और कुछ पर तो पूर्व में मुकदमे भी दर्ज हो चुके है । थानो के पुलिस कर्मी अपने क्षेत्रो के बुजुर्गो पढ़े लिखे नौजवानो महिलाओ क्षेत्र के धर्मो स्थलो के धर्म गुरूओ से जुड़े और उनके द्वारा दी जाने वाली सूचनाओ पर कार्यवाही करते हुए सूचना देने वाले का नाम पूर्णतया गुप्त रखें। 
17
प्रत्येक जिले में दो थाने ऐसे बनाए जाए जहां सिर्फ ज़मीन जायदाद से सम्बंधित अपराध या समस्या के सम्बन्धन में कार्यवाही हो  और इन थानो की निगरानी वरिष्ठ अधिकारियों द्वारा पूरी सजगता से की जाए क्यूकि अधिक्तर घटित होने वाले अपराध के पीछे कारण ज़मीनी विवाद पाया जाता है भू-थानो पर यदि भूमि से सम्बन्धित समस्याओ का ईमानदारी के साथ निस्तारण नही होगा तो समस्या अपराध का रूप धारण कर सकती है। 
18
थानों में तैनात कोई भी पुलिस कर्मी यदि अपने किसी परिचित या रिश्तेदार के यहां किसी पार्टी पर निमंत्रण पर जाए तो वो पुलिस की वर्दी में न जाए।
19
पुलिस को दिए गए सीयूजी नम्बर को पुलिस कर्मी  सुचारू रूप से इस्तेमाल करे CUG नम्बर पर आने वाली प्रत्येक काल रिसीव की जाए । पुलिस के वरिष्ठ अधिकारी सीयूजी के प्रयोग की समीक्षा लगातार करते रहें। 
20
यदि किसी पुलिस कर्मी को आकस्मिक प्ररिस्थिति में छुट्टी की आवश्यकता हो तो उसे तत्काल छुट्टी दी जाए। 
21
समय समय पर पुलिस कर्मियों की समस्याओं को सुनकर उनका निस्तारण किया जाए ताकि पुलिस कर्मी तनाव मुक्त होकर ड्यूटी को अंजाम दें।
22
वाहन चेकिंग में पुलिस सिर्फ हेलमेट और वाहन के कागज़ देखने तक ही सीमित न रहे बल्कि संदिग्धों खास कर कम उम्र के लोगो की गाड़ी और शरीर की तलाशी भी ली जाए।  चेंकिग के दौरान यदि कोई कमी पाई जाए तो तत्काल कार्यवाही की जाए सिफारिश न सुनी जाए क्यूकि छोटी छोटी गलतियों ंपर मिलने वाली माफी भविष्य मे घातक साबित होती है।  
23
जिन लोगो ने अपने घर या दुकानों में बाहर सीसीटीवी कैमरे लगाए है उन कैमरो की फुटेज को समय समय पर चेक किया जाता रहे ताकि लोग कैमरे खराब होने पर उन्हें तुरंत सही करवाएं।
24
सोशल मीडिया जैसे फेसबुक व्हाट्सअप इंस्ट्राग्राम आदि पर रिपोर्टिंग करने वाले लोगो की किसी भी खबर के सम्बंध में थाने चौकियों में प्रवेश को वर्जित किया जाए । और यदि सोशल मीडिया पर कोई व्यक्ति झूठी सूचना वायरल करे तो उसके खिलाफ सख्त कार्यवाही सुनिश्चित की जाए ताकि सोशल मीडिया एन्टी सोशल न बन सके।  
25
पुलिस के वरिष्ठ अधिकारी जनता से संवाद कायम करे जनता को यदि किसी भी अधिकारी से मुलाक़ात करनी हो तो मुलाक़ात में होने वाली कठिनाईयों को दूर किया जाए । क्यूकि अगर किसी पीड़ित की फरियाद थानेदार नही सुनता है तो फरियादी वरिष्ठ अधिकारी के पास जाता है जहंा मौजूदा समय मे किसी आम आदमी को किसी वरिष्ठ अधिकारी से मुलाकात करने मे काफी कठनाईयां होती है । देखा गया है कि पीड़ित कई कई दिनो तक वरिष्ठ अधिकारी से मिल ही नही पाते है ऐसे मे पीड़ित के मन में असुरक्षा और अन्याय की भावना के अलावा पुलिस के प्रति अविश्वास भी उत्पन्न होता है। 
26
अनुभवी अपराध संवाददाताओं से इंस्पेक्टर  एसीपी, एडीसीपी, डीसीपी, पुलिस आयुक्त  समय पर मुलाक़ात करते रहे और विचार विमर्श करते रहे  ताकि पत्रकारो और पुलिस कर्मियो के बीच ंसंवादहीनता की स्थिति पैदा न हो । 
26
थाने के पुलिस कर्मियों को हिदायत दी जाए कि थाने पर आने वाले पत्रकारों बुजुर्गों विकलांगो से सम्मान पूर्वक व्यवहार करें।
27
लड़ाई झगड़े के बाद एक तरफा निरोधात्मक कार्यवाही न हो झगड़ा कर शांति व्यवस्था भंग करने वाले दोनों पक्षो के खिलाफ निरोधात्मक कार्यवाही की जाए।
28
ये सुनिश्चित किया जाए कि आत्मरक्षा के लिए असलहे का लाइसेंस उसी को दिया जाए जिसे वास्तव मे असलहे की आवश्यकता हो क्षेत्र और समाज मे वर्चस्व कायम करने के लिए जिन लोगो के द्वारा लाइसेंस प्राप्त किये गए है उनके लाइसेंस तत्काल निरस्त किए जाए।  हमारी व्यक्तिगत राय के अनुसार आत्म रक्षा के लिए जाने वाले असलहे अक्सर अपनी या अपनो की जान के दुश्मन साबित होते है और अधिक्तर लोग लाईसेन्सी असलहे समाज मे अपना वर्चस्व स्थापित करने के लिए ही प्राप्त करते है जिन लोगो को वास्तव मे सुरक्षा की आवश्यकता हो उनकी सघन जाॅच करने के बाद ही उनहे असलहे का लाईसेन्स दिया जाए। 
29
यदि कोई व्यक्ति नाजायज़ असलहे या स्मैक कोकीन मार्फीन गांजे या अवैध शराब के साथ पकड़ा जाए तो ये पता लगाया जाए कि इसके पास से जो अवैध सामग्री बरामद हुई है ये इसे किसने उपलब्ध कराई है अवैध सामग्री को समाज मे लाने वाले कि जड़ तक पहुचा जाए।
30
डियूटी के दौरान चैराहे या सड़क पर तैनात कोई भी पुलिस कर्मी किसी आम आदमी से कोई वार्तालाप न करे और सदिग्ध नज़र आने वाले लोगो से सख्त लहज़े मे बात करे । 
31
यातायात नियमो का उलंघन करने वाले प्रत्येक व्यक्ति पर तत्काल कार्यवाही की जाए लेकिन पहले ये सुनिश्चित कर लिया जाए की यातायात नियम का उलंघन करने वाला कोई व्यक्ति किसी इमरजेन्सी की वजह से तो यातायात नियम का उलंघन नही कर रहा है यदि किसी व्यक्ति द्वारा आपात स्थिति में यातायात नियम का मजबूरी वश उलंघन किया गया हो तो उससे सख्ती न की जाए बल्कि भविष्य मे गलती न करने की हिदायत देकर तत्काल छोड़ा जाए। 
32
ये देखा जाता है कि थाने चाौकियों पर आने वाले आगन्तुको के लिए वर्दीधारी पुलिस कर्मी चाय पानी लेकर आता है यदि चाय पानी परोसने वाले पुलिस कर्मी से सीनियर कोई अधिकारी थाने पर आए तो पुलिस कर्मी उसे चाय पानी परोस दे लेकिन थाने पर आने वाले आम लोगो या कददावर लोगो की सेवा सत्कार मे वर्दीधारी पुलिस कर्मी को कतई न लगाया जाए इसके लिए थाने पर चतुर्थ श्रेणी के एक कर्मचारी की नियुक्ति की जाए । े
33
हमारे द्वारा दिए गए सुझाव हमारे अपने विचार है हमारे इन विचारों से आपका या किसी का सहमत होना अनिवार्य नही है मुझे लगता है कि हमारे द्वारा दिए गए सुझावों अपराध की रोकथाम में कारगर साबित हो सकते है लेकिन सुझााव के अनुसार पुलिस कर्मियो को सबसे पहले तनाव मुक्त किए जाने पर बल देना अति आवश्यक है। 
ख़ालिद रहमान
विशेष संवाददाता
यूनाईटेड न्यूज़ सर्विस यूएनएस
समाचार एजेन्सी एंव 
हिन्दी न्यूज़ पोर्टल www.jaiqalam.com
e-mail-khalidrehmanlucknow@yahoo.com
khalidrehman1967@gmail.com 
mobile number 9454497690,9453951427

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *